वित्तीय विश्लेषण और एक कंपनी के लिए इसका महत्व

कंपनियाँ अपने व्यवसाय के समग्र कल्याण के बारे में पता लगाने और यह जानने के लिए कि इसमें क्या सुधार किए जाने की आवश्यकता है, अक्सर वित्तीय विश्लेषण करती हैं। यह समझने के लिए कि व्यवसाय चलाने के लिए ऐसा विश्लेषण क्यों आवश्यक है और यह कैसे कंपनी की वित्तीय स्थिति को अच्छा रखता है, नीचे पढ़ें।

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कंपनी का वित्तीय विश्लेषण क्या है?

वित्तीय विश्लेषण किसी व्यवसाय के वर्तमान स्वास्थ्य का आंकलन करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रक्रिया है। यह इस बात को निर्धारित करने में भी मदद करता है कि मौजूदा वित्तीय नीति कंपनी के लाभ के लिए काम कर रही है या कुछ विशेष परिवर्तनों की आवश्यकता है। किसी कंपनी का वित्तीय विश्लेषण उसके संचालन और उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए दीर्घकालिक योजनाएँ बनाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण क्या होता है?

किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने से मैनेजमेंट को अपनी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उसके प्रदर्शन को समझने में मदद मिलती है। यह कंपनी की समग्र वित्तीय मज़बूती और बाजार के विभिन्न झटकों के खिलाफ प्रतिरोधक्षमता का आंकलन करने में भी मदद करता है और दीर्घकालिक विकास योजना विकसित करने का अवसर प्रदान करता है।

मान लीजिए, आप किसी ऐसे प्रोजेक्ट में निवेश करने का निर्णय लेते हैं जो एक कंपनी आपको ऑफर करती है। लेकिन आप इस परियोजना की वित्तीय मजबूती का पता कैसे लगाएंगे? इसका उत्तर सरल है – इसकी वित्तीय स्थिति का पता लगाएँ।

नोट! किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति निवेशकों को उसके समग्र स्वास्थ्य और विश्वसनीयता के बारे में सूचित करती है।

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किसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का मूल्यांकन कैसे करें?

आइए एक उदाहरण से देखें कि कंपनी की विलायकता (सॉल्वेंसी) का विश्लेषण कैसे करें।

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यदि कोई कंपनी किसी बैंक से पैसा उधार लेती है, तो उसे अपनी सभी महत्वपूर्ण संपत्तियों और देनदारियों के मूल्य का खुलासा करना पड़ता है। बैंक इस जानकारी का उपयोग उस कंपनी की वित्तीय स्थिति की मजबूती का आंकलन करने के लिए करता है, जिसका अर्थ है कि यह संपत्तियों (एसेट्स) की गुणवत्ता का आंकलन करेगा और उन्हें मूल्यांकन देगा। इस प्रकार, किसी कंपनी की सभी संपत्तियों के कुल मूल्य से उसकी सभी देनदारियों के कुल मूल्य को घटाकर उसकी निवल संपत्ति (नेट वर्थ) मिलती है।

तो, हम व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का पता कैसे लगाते हैं? एक कंपनी का वित्तीय विश्लेषण अक्सर उसकी बैलेंस शीट, वर्तमान संपत्ति और देनदारियों (करंट एसेट्स और लाइअबिलटीज़), वर्तमान अनुपात (करंट रेश्यो), गैर-वर्तमान संपत्ति और देनदारियों (नॉन-करंट एसेट्स और लाइअबिलटीज़), बही-मूल्य (बुक वैल्यू) पर वित्तीय स्थिति और मार्केट-टू-बुक-मल्टीपल की पूरी तरह से जाँच और मूल्यांकन करके किया जाता है, यह सब नीचे समझाया गया है।

बैलेंस शीट (Balance Sheet)

बैलेंस शीट एक प्रकार का वित्तीय विवरण है जिसमें कंपनी की संपत्ति, देनदारियों और शेयरधारक की इक्विटी का रिकॉर्ड होता है। यह किसी व्यवसाय का सफलतापूर्वक मूल्यांकन करने के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। किसी व्यवसाय का वित्तीय मूल्यांकन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन मुख्य वित्तीय विवरणों में से एक, यह कंपनी के स्वामित्व और बकाया का एक आशुचित्र यानी स्नैपशॉट या संक्षिप्त विवरण प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, यह दर्शाता है कि कंपनी के पास कौन सी संपत्ति है और उसपर अन्य निवेशकों का कितना कर्ज है।

वर्तमान सम्पत्तियाँ और देनदारियाँ (करंट एसेट्स और लाइअबिलटीज़)

वर्तमान सम्पत्तियाँ उस समय कंपनी के स्वामित्व वाली संपत्तियों या संसाधनों को संदर्भित करती हैं जब वित्तीय विश्लेषण या कंपनी विश्लेषण किया गया था। इनमें नकद (कैश इन हैंड), नकद समकक्ष (कैश इक्विवेलेंट्स), स्टॉक इन्वेंट्री, पहले से भुगतान की गई देनदारियाँ (प्रीपेड लाइअबिलटीज़), लेखा अभिग्राह्य (अकाउंट रिसीवेबल्स) विपणन योग्य प्रतिभूतियाँ (मार्केटेबल सेक्योरिटीज़) या कोई भी और संपत्ति जिसे एक वर्ष के भीतर नकद में परिवर्तित या रूपांतरित किया जा सकता हो शामिल है। 

दूसरी ओर, देनदारियाँ (लाइअबिलटीज़) उन ऋणों को संदर्भित करती हैं जो एक कंपनी को चुकानी हों। इसमें बैंक ऋण, ना चुकाए गए बिल, गिरवी, IOU (आई ओ यू), या किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को देने वाला बकाया कोई भी पैसा शामिल हो सकता है। देनदारियों का रिकॉर्ड रखना लेखांकन और बहीखाता पद्धति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि देनदारियाँ ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी है जिसे समग्र कंपनी वित्तीय विश्लेषण करते समय शामिल किया जाता है।

कंपनी की वर्तमान संपत्ति और देनदारियाँ दोनों ही किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट में देखीं जा सकती हैं। 

वर्तमान अनुपात (करंट रेशो)

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वर्तमान अनुपात एक वित्तीय मात्रिक है जिसका उपयोग कंपनी के अल्पकालिक दायित्वों का भुगतान करने की क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसे कार्यशील पूंजी अनुपात (वर्किंग कैपिटल राशो) भी कहा जाता है, यह इस बात को निर्धारित करने में मदद करता है कि किसी कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य संकट में है या भुगतान ना कर पाने की स्थिति में है। वर्तमान अनुपात का मूल्यांकन करने से निवेशकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि क्या कोई कंपनी अपने कर्ज और अन्य बकाया का भुगतान करने के लिए अपनी वर्तमान परिसंपत्तियों (करंट एसेट्स) का उपयोग करके कर सकती है। 

गैर-वर्तमान सम्पत्तियाँ और देनदारियाँ (नॉन – करंट एसेट्स और लाइअबिलटीज़)

गैर-वर्तमान संपत्तियाँ उन संसाधनों को संदर्भित करती हैं जो कंपनी के पास हैं, जिसका पूरा मूल्य लेखा वर्ष के अंदर वसूल होने या प्राप्त होने की संभावना नहीं है। गैर-वर्तमान संपत्तियों में भूमि, दीर्घकालिक निवेश, लेखा वर्ष ट्रेडमार्क, गुडविल, प्रॉपर्टीज़, उपकरण और कारख़ाने और इमारतें शामिल हैं। 

दूसरी ओर, गैर-वर्तमान देनदारियाँ, कंपनी के उन दीर्घकालिक ऋण दायित्वों या उन ऋणों को संदर्भित करती हैं जिनका भुगतान एक वित्तीय वर्ष के अंदर नहीं करना है। यह वे संसाधन हैं जो अन्य संस्थाओं से उधार लिए गए हैं और उन्हें जरूर वापस किया जाना चाहिए। 

वित्तीय स्थिति: बुक वैल्यू (Financial position: Book value)

बुक वैल्यू, जो किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति से संबंधित है, कंपनी की संपत्ति (एसेट्स) के लेखांकन मूल्य या मूल कीमत को संदर्भित करती है, जिसमें मूल्य में स्थायी गिरावट और कुल संचित मूल्य ह्रास (ऐक्युमलेटिड डेप्रिसिएशन) शामिल नहीं है। अक्सर, इसकी तुलना कंपनी की मार्किट वैल्यू यानी बाजार की कीमत से की जाती है जब वित्तीय विश्लेषक शेयरों की कीमत का आंकलन करना चाहते हैं। 

बुक वैल्यू का उपयोग अक्सर निम्नलिखित को निर्धारित करने के लिए किया जाता है:

  • वह राशि जो शेयरधारकों को मिल सकती है यदि कंपनी का परिसमापन (लिक्विडेशन) हो जाता है।
  • क्या कंपनी के शेयर की कीमत कम है या ज्यादा है।

मार्केट-टू-बुक मल्टीपल 

मार्केट-टू-बुक मल्टीपल या मार्केट-टू-बुक अनुपात एक मात्रिक है जिसका उपयोग किसी कंपनी की बुक वैल्यू की तुलना में उसके वर्तमान मूल्य का आंकलन करने के लिए किया जाता है। यह बैलेंस शीट में सूचीबद्ध कंपनी के सभी बकाया शेयरों को एक साथ जोड़कर बनाया गया स्टॉक मूल्य है। दूसरे शब्दों में, यह शेयर बाजार में पूरी कंपनी का वर्तमान और समझा गया वास्तविक मूल्य (true value) है। बुक वैल्यू कंपनी का वास्तविक मूल्य तब होगा, जब कंपनी की सभी देनदारियों का भुगतान किया गया हो और उसके सभी एसेट्स परिसमाप्त (लिक्विडेट) हो गए हों ।  

निष्कर्ष 

व्यापार मालिकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उद्योग में अन्य व्यवसायों की तुलना में उनकी कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति क्या है। किसी कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति को जानना ना केवल उसके समग्र वित्तीय स्वास्थ्य का निर्धारण करने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह भी जानने के लिए किया जाता है कि क्या इसे प्रतिस्पर्धा में टॉप पर रखने के लिए परिवर्तन किए जाने की जरूरत है। 

मौलिक विश्लेषण बनाम तकनीकी विश्लेषण

एक कंपनी की वित्तीय स्थिति यह निर्धारित करती है कि उसे निवेशकों का विश्वास मिलेगा या नहीं। नियमित वित्तीय विश्लेषण और समग्र कंपनी विश्लेषण करना यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, कि कंपनी शेयर बाजार में अच्छी प्रतिष्ठा बनाए रखे और उसकी विलायकता (Solvency) को जाँच के अधीन रखा जा सके।

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