टाइम फ़्रेम या समय अवधि

टाइम फ्रेम या समय अवधि वित्तीय बाजारों में प्राइस मूवमेंट्स और ट्रेंड्स का विश्लेषण या मापने के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि या समय-अंतराल है। समय सीमा का चुनाव ट्रेडर के लक्ष्यों, ट्रेडिंग शैली और जोखिम सहनशीलता पर निर्भर करता है।

शोर्ट टाइमफ्रेम जैसे मिनट या घंटे आमतौर पर डे ट्रेडर्स और स्केलपर्स द्वारा उपयोग किए जाते हैं जो एक ही ट्रेडिंग सत्र के भीतर छोटे प्राइस मूवमेंट्स से लाभ का लक्ष्य रखते हैं। ये ट्रेडर्स तकनीकी संकेतकों जैसे कि मूविंग एवरेज या आसलेटर का उपयोग कर सकते हैं अल्पकालिक रुझानों और प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए।

दूसरी ओर, लॉन्ग टाइमफ्रेम जैसे दिन, सप्ताह या महीनों का उपयोग स्विंग ट्रेडर्स और पोजीशन ट्रेडर्स द्वारा किया जाता है, जो लंबी अवधि में बड़े प्राइस मूवमेंट्स को पकड़ने का लक्ष्य रखते हैं। ये ट्रेडर संभावित अवसरों की पहचान करने और कई दिनों, हफ्तों या महीनों तक पोजीशन बनाए रखने के लिए मौलिक विश्लेषण और बाजार के रुझान का उपयोग कर सकते हैं।

अलग-अलग टाइम फ्रेम अलग-अलग ट्रेडिंग सिग्नल्स और बाजार दृष्टिकोण उत्पन्न कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मासिक चार्ट पर लॉन्ग टर्म बुलिश ट्रेंड दैनिक चार्ट पर शोर्ट-टर्म बियरिश ट्रेंड से बाधित हो सकता है। टाइम फ्रेम चुनते समय ट्रेडर्स को समग्र बाजार संदर्भ और उनके ट्रेडिंग लक्ष्यों पर विचार करना चाहिए।

इसके अलावा, ट्रेडर्स ट्रेडिंग सिग्नल्स की पुष्टि करने और मार्किट नॉइज़ के प्रभाव को कम करने के लिए मल्टीप्ल टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ट्रेडर समग्र ट्रेंड की पहचान करने के लिए एक लंबी अवधि के चार्ट का उपयोग कर सकता है और प्रवेश और निकास बिंदुओं की पहचान करने के लिए एक छोटी अवधि के चार्ट का उपयोग कर सकता है।

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