

GSTR-1 या वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न 1 ऐसा दस्तावेज़ है जिसे दायर करना भारतीय GST क़ानून के तहत पंजीकृत प्रत्येक कारोबार के लिए अनिवार्य है। इस दस्तावेज़ को हर महीने की 10 तारीख को दायर करना होता है और इसे सीधे सरकार के पास या इसके किसी अधिकृत प्रदाता के माध्यम से जमा कराया जा सकता है।
GSTR-1 में उन सभी बिक्री चालानों की जानकारी शामिल होती है जो दायर करने की अवधि के दौरान जारी किए जाते हैं। इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यवसायों को GSTR-1 के प्रारूप, देय तिथियों और विलंब शुल्क की जानकारी होनी चाहिए। इन सब के बारे में हम क्रमवार समझने का प्रयास करेंगे।
GSTR-1 क्या है?
GSTR-1 मासिक रिटर्न है जिसमें पिछली VAT अवधि में की गई सभी बाहरी आपूर्ति / बिक्री का विवरण शामिल होता है। दायर की गई प्रत्येक रिटर्न के साथ व्यवसायों को अपने ग्राहकों और आपूर्तिकर्ताओं के बारे में जानकारी प्रदान करना आवश्यक है। इस जानकारी में कर भुगतान, बिक्री लेनदेन से प्राप्त आय या रिटर्न की अवधि में आपूर्ति से प्राप्त अग्रिम राशियों जैसे विवरण शामिल होते हैं।
GSTR-1 का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यवसाय कर अधिकारियों को सटीक आंकड़े दें, ताकि वे अपनी बक़ाया राशि का तुरंत भुगतान कर सकें।
GSTR-1 किसे दायर करना चाहिए?
आकस्मिक पंजीकृत व्यक्तियों सहित सभी पंजीकृत व्यक्तियों को विलंब शुल्क से बचने के लिए नियत तिथि तक GSTR-1 दायर करना अनिवार्य है। भले ही अंतरिम अवधि में कोई लेनदेन किया गया हो या नहीं, उनके लिए GSTR-1 दायर करना आवश्यक है।
निम्न व्यक्तियों के लिए यह फॉर्म जमा कराना आवश्यक नहीं है:
- कंपोज़ीशन स्कीम के तहत पंजीकृत लोगों को GSTR-4 दायर करना चाहिए।
- अनिवासी करदाताओं को GSTR-5 दायर करना चाहिए।
- OIDAR सेवा प्रदाताओं को GSTR-5A दायर करना चाहिए।
- इनपुट सेवा वितरकों को GSTR-6 दायर करना चाहिए।
- TDS कटौतीकर्ताओं को GSTR-7 दायर करना चाहिए।
- वे ई-कॉमर्स ऑपरेटर, जो एजेंट नहीं हैं, उन्हें GSTR-8 दायर करना चाहिए।
GSTR-1 दायर करने की नियत तिथि
GSTR-1 दायर करने की नियत तिथि व्यवसाय की कुल बिक्री पर निर्भर करती है। आपको नियत तिथियों तक GSTR-1 इस प्रकार से दायर करना होगा:
- मासिक – यदि चालू वित्तीय वर्ष में आपकी कुल कारोबारी बिक्री 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है या चालू वित्तीय वर्ष में कुल बिक्री इसी राशि के समान अपेक्षित है।
- त्रैमासिक – यदि चालू वित्तीय वर्ष में आपकी कुल कारोबारी बिक्री 1.5 करोड़ रुपये तक है या चालू वित्तीय वर्ष में कुल बिक्री इसी राशि के समान अपेक्षित है।
GSTR-1 दायर करने की नियत मासिक तिथि
व्यवसायों द्वारा GST पोर्टल पर दर्ज कारोबारी बिक्री के आधार पर उन्हें मासिक या त्रैमासिक रूप से GSTR-1 दायर करना होता है। GSTR-1 की देय तिथि अगले महीने की 10 तारीख होती है। उदाहरण के लिए जनवरी के महीने की देय तिथि 10 फरवरी होगी। लेकिन मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर के लिए नियत तिथि अगले महीने की 11 तारीख होगी।
नोट! आमतौर पर GSTR-1 दायर करने की अंतिम तिथि अगले महीने की 10 तारीख होती है।
GSTR-1 दायर करने की नियत त्रैमासिक तिथि
GSTR-1 की देय तिथि अवधि विशेष यानी अप्रैल-जून (Q1), जुलाई-सितंबर (Q2), अक्टूबर-दिसंबर (Q3), और जनवरी-मार्च (Q4) के अनुसार निर्धारित की गई है। त्रैमासिक GSTR-1 दायर करने की देय तिथि संबंधित तिमाही के बाद वाले महीने की 13 तारीख होती है। उदाहरण के लिए जुलाई-अगस्त-सितंबर तिमाही के लिए त्रैमासिक प्रणाली के तहत GSTR-1 दायर करने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर होगी।
GSTR-1 की नियत तिथियों के मामले में अपवाद
GSTR-1 दायर करने की देय तिथियों के संदर्भ में कुछ अपवाद हैं। उदाहरण के लिए यदि 10 तारीख को छुट्टी है तो नियत तिथि अगला कार्य दिवस होगा।

क्या GSTR-1 नियत तिथि के बाद दायर किया जा सकता है?
आप नियत तिथि के बाद GSTR-1 दायर कर सकते हैं। लेकिन आपको विलंब के दिनों की संख्या के आधार पर विलंब शुल्क का भुगतान करना होगा।
GSTR-1 विलंब शुल्क
यह बात ध्यान में रखना ज़रूरी है कि GSTR-1 दायर करने के मामले में विलंब शुल्क की विभिन्न श्रेणियाँ हैं:
- यदि आपका देय कर शून्य से अधिक है तो आपको विलंब के हर दिन के लिए 50 रुपये का जुर्माना देना होगा।
- यदि आपका देय कर शून्य है, तो आपको विलंब के हर दिन के लिए 20 रुपये का जुर्माना देना होगा।
विलंब शुल्क पर देय ब्याज की गणना देय तिथि के बाद की तिथि से लेकर GSTR-1 दायर करने की तिथि तक की जाएगी। यदि रिपोर्टिंग अवधि में कोई लेनदेन नहीं हुआ है तो विलंब शुल्क से बचने के लिए आपको शून्य रिटर्न दाखिल करना होगा।
GSTR-1 प्रारूप और मासिक देय तिथियों के दृष्टिगत आप इसे समय पर दायर करने का ध्यान रखें। अपडेट रहें और विलंब शुल्क से बचें – आपके व्यवसाय का नकदी प्रवाह फलेगा-फूलेगा।
GST पोर्टल पर GSTR-1 कैसे दायर करें?
GST पोर्टल पर जमा कराई गई GST रिटर्न डाउनलोड करने के लिए इन चरणों का पालन करें:
- GST पोर्टल पर जाकर अपने खाते में लॉग इन करें।
- “रिटर्न” पर क्लिक कर “ई-फाइल रिटर्न देखें” का चुनाव करें।
- वित्तीय वर्ष, रिटर्न जमा कराने की अवधि और रिटर्न के प्रकार का चुनाव करें।
आप GST रिटर्न की पावती संख्या और दायर करने की तिथि देख सकते हैं। इसके साथ ही आपको GST रिटर्न का समीक्षा पृष्ठ भी दिखाई देगा।
निष्कर्ष
GST-पंजीकृत व्यवसायों के लिए GSTR-1 जमा कराने से जुड़े विशिष्ट दायित्वों को पूरा करना आवश्यक है क्योंकि कर जमा कराने से जुड़ी गतिविधियों में सतर्कता बरतना आवश्यक है। ग़लत तौर पर प्रीमियम का भुगतान, रिटर्न दायर करने और शुल्क भुगतान करने से वित्तीय परेशानियाँ और क़ानूनी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, छोटे या बड़े, सभी याँ के लिए आवश्यक है कि वे GSTR-1 दायर करने की प्रक्रिया के अर्थ, मासिक और त्रैमासिक देय तिथियों और विलंब शुल्क को समझें ताकि उन पर कोई अनपेक्षित देनदारी न आए।